गैनोडर्मा का इतिहास ।। पौराणिक औषधियों के 2000 वर्ष पुराने चाइनीस महा ग्रंथ ।।


भवरानी औषधियों के 2000 वर्ष पुराने चाइनीस महा ग्रंथ (जिसे वहां की गीता माना जाता है) Seng Nong's Herbal Classic मैं वर्ली 365 शक्तिशाली औषधियों में इसे एवं सुप्रिया के नाम से विश्व की श्रेष्ठ धर्म के रूप में इसका वर्णन किया गया है। इस्लाम में भी इससे नवीन सा के समय से जाना जाता है। उसी के द्वारा बनाया गया डर माय आदमी के लिए सर्वश्रेष्ठ है,खेत में है इस्लामिक जनरल्स में इसे बहुत ही विनीत वह वशिष्ठ मेडिसिन माना गया है जग्गू संहिता में भी इसका जिक्र जाता है। दद्दा के गुफा वाले मंदिर में 500 गौतम बुद्ध की मूर्तियों के हाथ में गाना डालना का फल पकड़ा हुआ है। प्राचीन काल में स्वर्ग से भी अधिक मांग होने के कारण मात्र राजा महाराजा वासरे मांस का सेवन कर पाते थे। क्योंकि इसकी उपलब्धि सहयोग से ही ज्यादा कदर दुर्गम स्थानों में हो पाती थी।

राजा लोग जब अपनी खोज को इसे ढूंढने भेजते थे तो इस 20000 रिक्शा और झाड़ियों में खोजने पर एक दोगे वही लेकर 106 सिपाही ही वापस लौट पाते थे जिससे यह प्राप्त हो जाए वह इसे प्रिय व पड़ोसियों को भी जाहिर नहीं होने देते थे उनके घर में उत्सव मनाए जाते थे और राजा लोग इसके बदले में नामों से मालामाल कर देते थे आज अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी तथा उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी तकनीकों के जरिए पिछले 20 30 वर्ष से विभिन्न देशों में गनोडरमा का उत्पादन संभव हो सकता है आज विश्व में 400 नमक उत्पादन किया जा रहा है जिसमें अकेला चीन 3000 टन उत्पादन करता है अन्य देशों में कोरिया, ताइवान, जापान, थाईलैंड, मलेशिया, वियतनाम इंडोनेशिया तथा श्रीलंका प्रमुख है उत्तम तंदुरुस्ती हेतु विश्व के अधिकतर देशों में इसका उपयोग होता।

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